Chidiya chords and Strumming | Capo used |

Саро-  6  Fret
Сhоrds-  С  F  G  Аm
Strumming-  D  UUD  UUD    

कैसी  वो  मुराद  थी  जो  आज  जल  गई?
परियों  के  ज़हन  में  जो  आग  बन  गई
देखी  ना  थी  सपनों-खयालों  में  कभी
ऐसी  ज़िन्दगी  से  मुलाक़ात  बन  गई

तेरी  आँखों  की  लहक  को  ना  जाने
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?

आँखें  झुकती  चुभन  में,  अश्कों  में  मगन  ये
कैसी  तेरी  साँसें  चढ़  गई?
हो,  सखियाँ  देखे  अंजूमन  में,  सोचे  सब  मन  में
कैसी-कैसी  बातें  बन  गई?

हो,  तेरी  बातों  की  चहक  को  ना  जाने
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?

ओ  री  चिड़िया  ना  तुझे  री  क्यों  ये  दुनिया  भाये  रे?
ओ  रे  पँछी  क्यूँ  हमेशा  बैठी  मुँह  लटकाए  रे?
तेरी  आँख  ये  जो  नम  है,  इनमें  जो  ग़म  है
छोड़  के  सुबह  पे  कर  यकीं
हो,  ये  जो  झूमता  सावन  है,  मीठी  जो  पवन  है
तेरी  ही  मुस्काँ  से  है  बनी

हो,  तेरी  बातों  की  चहक  को  ना  जाने
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?
ना  जाने  कैसी  रात  मिल  गई?
सोची  थी  जो  रात  वो  आज  मिल  गई
धुएँ  के  बरस  में  बरसात  मिल  गई
देखी  थी  जो  सपनों-खयालों  में  कहीं
खुशियों  की  किरण  वो  आज  मिल  गई
ये  ज़माना  बेशरम  है,  ना  इसका  धरम  है
क्यूँ  ढूँढे  है  तू  इसमें  बंदगी?

ओ,  तेरे  साथ  तेरा  मन  है,  दिल  की  धड़कन  है
आगे  बढ़  के  जी  ले  ज़िन्दगी

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